पुलिस अधीक्षक ने किया ग्रामीण महिलाओं से संवाद, बताये उनके अधिकार वादा सेवा संस्थान समिति द्वारा जिला स्तरीय महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया ।

उक्त सम्मेलन में पुलिस अधीक्षक झाबुआ पद्मविलोचन शुक्ल उपस्थित हुए।

झाबुआ। महिला सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य, महिला सुरक्षा, महिलाओं एवं बच्चों को शासन की योजनाओं से जोड़ना एवं आवश्यक दस्तावेज निर्माण करना व सुविधा उपलब्ध कराना है ।
पुलिस अधीक्षक द्वारा सम्मेलन में बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में बताया। साथ ही पुलिस अधीक्षक ने शिक्षा के महत्व पर विशेष ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि बच्चों, विशेषकर बालिकाओं, की शिक्षा समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान करती है। बालिकाओं को शिक्षा प्राप्ति का अधिकार है, और उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है। उन्होंने महिला शक्ति से आग्रह किया कि वे अपनी बेटियों को नियमित रूप से स्कूल भेजें और उन्हें शिक्षा की महत्वता को समझाएं। उन्होने कहा कि “आज अपने लिये पढ़ेंगे, तो कल देश का नाम रोशन करेंगे। कहीं सारे बच्चे अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते है। पुलिस अधीक्षक ने अपने बच्चों को कम से कम 12 वीं तक अवश्य पढ़ाने का आग्रह किया। कई बच्चे कम उम्र में घर से चले जाते है और बाहर राज्य में जाकर मजदूरी करते है। उन्हे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही कई बच्चे नाबालिग बालिका को लेकर चले जाते है, जिस पर उनके विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध होता है, जिस कारण उनको कोई सरकारी नोकरी भी नहीं मिलती है और उनके जीवन में कई कठीनाईया आती है व जीवन कष्टप्रद हो जाता है। इसके साथ ही, उन्होंने बाल विवाह की समस्या पर भी चर्चा की और बताया कि यह न केवल बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए हानिकारक है, बल्कि समाज में असमानताएं और समस्याएं उत्पन्न करता है। उन्होंने महिला शक्ति से अपील की कि वे अपनी बालिकाओं का विवाह 18 वर्ष की आयु एवं बालको का विवाह 21 वर्ष की आयु से पहले न करें। पुलिस अधीक्षक ने विवाह समारोहों में डीजे के इस्तेमाल पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने बताया कि तेज आवाज से न केवल ध्वनि प्रदूषण होता है, बल्कि यह समाज मंक तनाव और असमंजस की स्थिति भी उत्पन्न करता है। उन्होंने महिला शक्ति से आग्रह किया कि वे शादियों को शांतिपूर्वक पारंपरिक रूप से मनाएं और फिजूलखर्ची से बचें। उन्होंने महिला शक्ति से यह भी कहा कि उन्हें दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और सामूहिक प्रयासों से इसे समाप्त करना चाहिए। दहेज प्रथा समाज में असमानताएं पैदा करती है, एसी प्रथाओं को त्यागना चाहिए। वादा सेवा संस्थान समिति से जुड़ी महिलाओं द्वारा अन्य महिलाओं के आधार कार्ड, पेन कार्ड, समग्र आईडी व अन्य जरूरी दस्तावेजों को बनवाने में सहयोग करने व उनको सम्भालने के संबंध में जागरूक किया। कार्यक्रम में जिला विधिक अधिकारी झाबुआ जयदेव मानिक, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति झाबुआ श्रीमती प्रीति चौहान, एसडीओपी पेटलावद कमलेश शर्मा एवं अनीता भाबर, संगीता गणावा, गुड्डी सिंगार ,नवली थंदार, रेखा भूरिया, आशा डामोर, सुमित्रा डामोर ,लीला भूरिया, काजल डामोर आदि महिलाए उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।

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राजेंद्र राठौर

राजेंद्र राठौर टुडे लाइव न्यूज़ के सह-संपादक हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में वर्षों का अनुभव रखने वाले राठौर राजनीतिक, सामाजिक और जनहित से जुड़े विषयों पर उत्कृष्ट पकड़ और विश्लेषण क्षमता के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी निष्पक्ष, तथ्यपरक और जनसंवेदनशीलता से परिपूर्ण होती है।

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