पिटोल में युवक के साथ साइबर ठगी का प्रयास, ऐपीके फाइल के ज़रिए बैंक खातों पर निशाना



संदिग्ध फाइल से शुरू हुआ मामला
झाबुआ(पिटोल)। फिर एक बार पिटोल में हुआ साइबर ठगी का प्रयास युवक की सतर्कता से ठग हुए नाकामयाब। पिटोल प्रेमाशीष विद्यालय के संचालक जयदीप सिंह ठाकुर के साथ साइबर ठगी करने का प्रयास हुआ। जयदीप ने बताया कि उनके कार सर्विसिंग व्हाट्सऐप ग्रुप, जिसका नाम एमआर एमपी09डब्ल्यूई3660 (डीएचडी) था, में शोरूम के एक मैकेनिक (मोबाइल नंबर 9099045723) द्वारा एक एपीके फाइल भेजी गई, जिसका नाम आरटीओ चालान था। जैसे ही उन्होंने वह फाइल अपने मोबाइल में इंस्टॉल की, अचानक उनके पास अलग-अलग बैंकों से ओटीपी आने लगे और ये सभी ओटीपी स्वतः 8448189570 नंबर पर फॉरवर्ड होने लगे।
समय रहते बरती सतर्कता
स्थिति को संदिग्ध समझते हुए जयदीप ने सतर्कता बरतते हुए तुरंत अपना मोबाइल फ्लाइट मोड में डाल दिया और बैंक हेल्पलाइन पर संपर्क कर अपने सभी खातों से होने वाले डेबिट ट्रांजेक्शन को बंद करवा दिया। जब उन्होंने इस घटना की शिकायत प्रेसिडेंट हुंडई दाहोद के सर्विस मैनेजर से की, तो उन्होंने केवल फोन फॉर्मेट करने की सलाह दी और आगे की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
पुलिस को दी सूचना
इसके बाद जयदीप सीधे पुलिस चौकी पिटोल पहुंचे। मामले की गंभीरता देखते हुए पिटोल चौकी प्रभारी अशोक बघेल ने उन्हें झाबुआ साइबर पुलिस थाने में आवेदन देने को कहा।
पूर्व में भी ऐसी घटना हुई है
पूर्व में दो दिन पहले राणापुर में भी इसी तरह की फाइल के ज़रिए रौनक सोनी और विशाल माली के साथ ठगी का प्रयास हुआ था। हालांकि, दोनों ने समय रहते सतर्कता बरतते हुए अपना फोन फॉर्मेट कर लिया और सीम पोर्ट करवा कर मामले को वहीं समाप्त कर दिया था।
आदिवासी अंचल में बढ़ रहा खतरा
ऐसी घटनाएं अब झाबुआ जैसे आदिवासी अंचल में भी तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे ग्रामीण और छोटे कस्बों के लोग साइबर ठगी के नए-नए तरीकों का शिकार बन रहे हैं। झाबुआ साइबर ब्रांच को इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेते हुए लोगों को सतर्क करने के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
साइबर पुलिस ने नागरिकों को सतर्कता बरतने को कहा है किसी भी अज्ञात या संदिग्ध लिंक या फाइल को डाउनलोड न करें, विशेषकर एपीके फाइल, क्योंकि यह बैंक और व्यक्तिगत डाटा चोरी करने के लिए उपयोग की जा सकती है।
