किसानों को सुविधापूर्वक, व्यवस्थित ढंग से उर्वरक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में उर्वरक उपलब्धता एवं अतिवृष्टि के राहत के प्रकरणों की समीक्षा की

जिला कलेक्टर उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण पर करें कठोर कार्यवाही

झाबुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा प्रदेश में उर्वरक उपलब्धता एवं अतिवृष्टि के राहत के प्रकरणों की समीक्षा की गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिले से कलेक्टर नेहा मीना, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जितेन्द्र सिंह चौहान जुड़े। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि खरीफ 2025 के लिए किसानों को सुविधापूर्वक, व्यवस्थित ढंग से उर्वरक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। यूरिया की मांग वाले जिलों में आगामी सात दिवस में प्राप्त होने वाले रैक और उर्वरक वितरण व्यवस्था संबंधी जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। राज्य स्तर से उर्वरक व्यवस्था की लगातार समीक्षा की जा रही है। उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण, टैगिंग, मिस ब्रांडिंग, अवैध परिवहन पर कठोर कार्यवाही की जाए। विक्रय केन्द्रों पर कृषकों की अधिक भीड़ होने पर अतिरिक्त काउंटर की व्यवस्था कर विक्रय प्रक्रिया संचालित की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विपणन संघ के विक्रय केन्द्रों और पैक्स में निर्धारित अनुपात अनुसार उर्वरक का भंडारण सुनिश्चित किया जाए। जिला कलेक्टर डबल लॉक केन्द्रों, पैक्स और निजी विक्रय केन्द्रों का आकस्मिक रूप से निरीक्षण कर स्कंध का सत्यापन सुनिश्चित करें। अनुदानित यूरिया के उपयोग की पशुआहार, पोल्ट्री फीड, लेमिनेशन, रेसिन, प्लाईवुड, पेंट, शराब उद्योग, प्रिंटिंग और मिलावटी दुग्ध उत्पादन में उपयोग की संभावना रहती है। उन्होंने इन स्थानों का औचक निरीक्षण कर अनुदानित यूरिया पाए जाने पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नैनो यूरिया के उपयोग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि किसानों की आवश्यकतानुसार उर्वरक की घर पहुंच सेवा आरंभ करने पर भी विचार किया जाना चाहिए। इससे अनुदानित यूरिया के दुरूपयोग को रोका जा सकेगा। बैठक में बताया गया कि उर्वरकों की कालाबाजारी, अवैध भंडारण या परिवहन और नकली उर्वरकों के संबंध में अब तक 30 एफ.आई.आर. की गईं, 56 लायसेंस निरस्त, 70 लाइसेंस निलंबन और 188 विक्रय प्रतिबंधित करने की कार्यवाही की गई है। इसके अतिरिक्त मुख्य मंत्री डॉ. यादव ने अतिवृष्टि के राहत के प्रकरणों की समीक्षा की एवं निर्देश दिये कि जहां आवश्यकता हो अस्थाई राहत कैम्प का संचालन किया जाए, अतिवृष्टि के कारण जनहानि एवं पशुहानि होने पर आरबीसी 6(4) के तहत प्रकरण बनाये जाकर जल्द से जल्द सहायता करें। साथ ही वर्षाकाल में त्यौहारो के दौरान अप्रिय घटना ना हो इस हेतु उचित प्रबंध किये जाए। इस दौरान संयुक्त कलेक्टर अक्षय सिंह मरकाम, डिप्टी कलेक्टर एच. एस. विश्वकर्मा, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग विपिन पाटीदार, उप संचालक कृषि विभाग एन. एस रावत एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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राजेंद्र राठौर

राजेंद्र राठौर टुडे लाइव न्यूज़ के सह-संपादक हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में वर्षों का अनुभव रखने वाले राठौर राजनीतिक, सामाजिक और जनहित से जुड़े विषयों पर उत्कृष्ट पकड़ और विश्लेषण क्षमता के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी निष्पक्ष, तथ्यपरक और जनसंवेदनशीलता से परिपूर्ण होती है।

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