6 दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में 400 से अधिक नागरिकों ने करवाया सफलतम उपचारजोधपुर के सुप्रसिद्ध थैरापिस्टों ने रोगियों को बिना गोली-दवाई स्वस्थ रहने के सिखाए गुरसमापन पर सभी चिकित्सकीय टीम का किया गया सम्मान

झाबुआ। सामाजिक महासंघ जिला इकाई द्वारा प्रोग्रेसिव पेंशनर्स एसोसिएशन एवं वरिष्ठ नागरिक फोरम के सहयोग से 15 से 20 जुलाई तक 6 दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का सफलतम आयोजन किया गया। शिविर में झाबुआ जिले के साथ आसपास के जिलों के 400 से अधिक लोगों ने प्राकृतिक चिकित्सा में एक्यूप्रेशर, सुजोक एवं वाईब्र्रेशन पद्धति से जोधपुर (राजस्थान) के सुप्रसिद्ध थैरापिस्टों से उपचार करवाकर गंभीर एवं जटिल बिमारियो से काफी हद तक राहत महसूस की। 20 जुलाई, रविवार शाम को शिविर के समापन पर सभी चिकित्सकीय टीम का अभिनंदन किया गया। वहीं 21 जुलाई, सोमवार को चिकित्सकों ने लोगों को बिना गोली-दवाई के प्राकृतिक चिकित्सा से स्वस्थ रहने संबंधी आवश्यक परामर्श एवं मार्गदर्शन भी प्रदान किया।
जानकारी देते हुए सामाजिक महासंघ जिलाध्यक्ष डॉ. नीरजसिंह राठौर एवं हरिश शाह ‘लालाभाई’ ने बताया कि 6 दिवसीय शिविर का कुल कुल 407 लोगांे ने लाभ लिया। प्रत्येक पेशेंट का 30-40 मिनिट तक रोजाना उपचार हुआ। कैंप दो सत्रों में रखा गया था। जिसमें सुबह 8 से दोपहर 12 बजे एवं शाम 4.30 से 7 बजे तक समय था, लेकिन लोगों की संख्या बढ़ने के कारण शिविर का समय सुबह 8 से दोपहर 3 बजे एवं संध्याकाल 4.30 से रात्रि 11.30 तक जोधपुर से पधारे थैरापिस्ट द्वारा अपनी सेवाएं प्रदान की गई। प्रोगेसिव पेंशनर्स एसोसिएशन के ललित त्रिवेदी एवं विद्याराम शर्मा ने जानकारी दी कि शिविर में झाबुआ शहर के साथ आसपास के ग्रामीण अंचलों और मेघनगर, थादंला, रानापुर, रंभाापुर, आलीराजपुर एवं खंडवा से भी लोग विभिन्न रोगों के उपचार हेतु पहुंचे और उन्होंने बिना गोली-दवाई के प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से अपने रोगों का उपचार करवाकर काफी राहत मिलने पर मुक्त कंठ से इस आयोजन की सराहना की। सामाजिक महासंघ के वरिष्ठ विनोदकुमार जायसवाल एवं राधेश्याम परमार ‘दादुभाई’ के अनुसार शिविर में प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार के बाद किसी मरीज को हाथ, पैरों के दर्द में राहत मिली तो किसी को घुटनों, कमर, कंधे के साथ गंभीर और जटिल रोगों में साईटिका, जाईंट, शरीर के अकड़न से भी निजात मिली। शिविर अंबा पैलेस पर पर दो कक्षों में 6 दिनों तक सत्त चला। 18 जुलाई के बाद शिविर में लगातार रोगियों की संख्या बढ़ने पर पंजीयन कार्य को रोकना पड़ा।
चिकित्सकों का किया गया सम्मान
सामाजिक महासंघ के शरतचन्द्र शास्त्री एवं जयेन्द्र बैरागी ने बताया कि 20 जुलाई, रविवार शाम 5 बजे जोधपुर से पधारे थैरापिस्टों का सम्मान कार्यक्रम रखा गया। जिसका संचालन करते हुए सामाजिक महासंघ जिलाध्यक्ष डॉ. नीरजसिंह राठौर ने घोषणा की कि नागरिकों की विशेष मांग पर अगले वर्ष यह शिविर वृहद मेगा कैंप के रूप में आयोजित किया जाएगा। जिसमें जोधपुर के चिकित्सकों की पूरी टीम अपनी सेवाएं देगी और शत-प्रतिशत लोगों को इसका लाभ मिल सके, ऐसे प्रयास किए जाएंगे। इस दौरान जोधपुर के चिकित्सकों में डॉ. नरेन्द्र चौधरी (एमडी डीएटी), थैरापिस्ट लक्ष्मण सिंह, सहायक थैरापिस्ट रमेश सुधार, दिव्यराज चौधरी एवं श्रवण चौधरी का सम्मान पुष्पमाला पहनाकर एवं शाल-श्रीफल के साथ अभिनंदन-पत्र प्रदान कर आयोजक संस्था के पदाधिकारियों में डॉ. केके त्रिवेदी, उमंग सक्सेना, पं. गणेशप्रसाद उपाध्याय, पीडी रायपुरिया, पुरूषोत्तम ताम्रकर, अरविन्द व्यास, भेरूसिंह चौहान, पं. राजकुमार देवल, जितेन्द्र शाह, यशवंत त्रिवेदी, राजेन्द्रप्रसाद जोशी, विनोद चौहान, एजनलाल भानपुरिया, शशिकांत शर्मा, केेसी कोठारी मातृ शक्तियों में श्रीमती भारती सोनी, अनिता जाखड़ आदि ने किया। अंत में आभार प्रोग्रेसिव पेंशनर्स एसोसिएशन के डॉ. एलएस राठौर ने माना।
प्राकृतिक चिकित्सा को दैनिक दिनचर्या में अपनाकर स्वस्थ और तंदरूस्त रहे
सामाजिक महासंघ से अजयसिंह पंवार एवं मीडिया प्रभारी दौलत गोलानी ने बताया कि 21 जुलाई, सोमवार सुबह 9 बजे से जोधपुर की चिकित्सकीय टीम ने लोगो को प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से उपचार के लाभ एवं फायदे बताते हुए स्वस्थ रहने के गुर सिखाए। जोधपुर के प्रसिद्ध थैरापिस्ट डॉ. नरेन्द्र चौधरी ने बताया कि आज के भागदौड़ भरे जीवन में व्यक्ति कुछ समय अपने लिए निकालकर प्राकृतिक चिकित्सा को अपनी दैनिक दिनचर्या में अपनाकर स्वस्थ और तंदरूस्त रह सकता है। बिना गोली-दवाई के यह पद्धति सर्वोत्तम एवं सुलभ है, जिससे रोगी को विभिन्न प्रकार के रोगों से तुरंत काफी हद तक राहत मिलती है। जटिल से जटिल बिमारियों से भी प्रतिदिन आधा घंटा अपने स्वास्थ्य के लिए निकालकर प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज कर इन बिमारियों से निजात पाई जा सकती है। इस दौरान जोधपुर के थैरापिस्ट द्वारा रोगियों की जिज्ञासाओं को भी शांत किया एवं स्वास्थ्य सबंधी उनके पूछे गए प्रश्नों का भी उत्तर दिया गया। शिविरार्थियों ने मुक्त कंठ से उक्त आयोजन की सराहना करते हुए अगले वर्ष पुनः यह आयोजन किए जाने की आयोजक संस्थाओं से मांग की।
ऑटो रिक्शा से आई और पैदल चलकर गई
शिविरार्थी जगदीश चौरसिया ने बताया कि उन्हें पैरों में दर्द बना रहता था, इस कारण चलने-फिरने में काफी परेशानी होती थी। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से 6 दिन सत्त उपचार करवाने पर दर्द से काफी हद तक राहत मिली है। श्रीमती मंजुला परमार के अनुसार वह हाथ एवं पैरों में दर्द रहने के कारण शिविर के प्रारंभ में 3-4 दिनों तक ऑटो रिक्शा से शिविर स्थल पहुंची, एक्यूप्रेशन पद्धति से उपचार बाद शेष 2 दिन पैदल आकर अपना पूरा ट्रीटमेंट करवाया। रश्मि सोनी ने बताया कि उन्हें कमर, गर्दन दर्द के साथ सर्वाइकल की प्राबलम थी, 6 दिनों तक सत्त उपचार करवाने के बाद दर्द काफी हद तक गायब हो गया। गोपाल कॉलोनी निवासी देवेन्द्रसिंह अलावा ने बताया कि उनकी हाथ की उंगलियां सुन्न पड़ने एवं नहीं खुलने से सुजोक क्रिया से उपचार करवाने के बाद उंगलियों की धीरे-धीरे मूवमेंट होना शुरू हो गई।
गठिया एवं जाईंट जैसी समस्या से भी मिली निजात
प्रतिभा भानपुरिया को गठिया एवं जाईंट की समस्या थी, प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार बाद अब पूरी तरह से राहत मिली है। ग्राम वडलिया के ग्रामीण बंदु्र मेड़ा ने बताया कि उन्हें पूरे शरीर में दर्द बना रहता था, 6 दिन सत्त वाईब्रेशन से उपचार लेने पर अब काफी आराम है। जोहरभाई बोहरा ने शिविर में उपचार करवाने के बाद इस तरह का शिविर पूरे जिले में समय-समय पर किए जाने हेतु सुझाव दिया। दुलेसिंह चौहान ने बताया कि उनकी आंखों में जलन एवं पैर तथा कमर में दर्द लंबे समय से बना हुआ था, एक्यूप्रेशन पद्धति से उपचार लेने के बाद सभी में काफी राहत मिली है।

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राजेंद्र राठौर

राजेंद्र राठौर टुडे लाइव न्यूज़ के सह-संपादक हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में वर्षों का अनुभव रखने वाले राठौर राजनीतिक, सामाजिक और जनहित से जुड़े विषयों पर उत्कृष्ट पकड़ और विश्लेषण क्षमता के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी निष्पक्ष, तथ्यपरक और जनसंवेदनशीलता से परिपूर्ण होती है।

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