झाबुआ के किसान की बेटी नेहा गरवाल का आदिवासी लोकगीत हुआ लॉन्च, एएसआर म्यूजिक रिकार्ड्स ने दिया बड़ा प्लेटफार्म



अजित सिंह राठौर ने एएसआर म्यूजिक रिकॉर्डस कंपनी की झाबुआ से की थी शुरुआत, अब स्थानीय कलाकारों को हुनर दिखाने के मिल रहे अवसर
झाबुआ। झाबुआ जिले के ग्राम पंचायत उमरकोट के गांव दूधी की गायक कलाकार नेहा गरवाल का आदिवासी लोकगीत घुगरा एएसआर म्यूजिक रिकॉर्डस के प्लेटफार्म पर शनिवार को लांच हुआ। यह गाना आदिवासी विवाह समारोह के दौरान गाया जाने वाला पारंपरिक लोकगीत है। मुंबई निवासी दो बार राष्ट्रपति पदक जितने वाले कलाकार झाबुआ के अजीत सिंह राठौर ने लोकगीत को आधुनिक संगीत से सजाया है। यह गीत क्षेत्र में आयोजित विवाह समारोह में परंपरागत रूप से गाया जाता है। यह गाना 2 अगस्त को यू ट्यूब, जिओ सावन, स्पोटीफाई, एप्पल म्यूजिक जैसे कई म्यूजिक प्लेटफार्म पर रिलीज़ हुआ है। इस गाने का वीडियो भी झाबुआ के कैमरामेन अभिषेक निनामा ने झाबुआ में ही शूट किया है।
मुंबई निवासी अजित सिंह राठौर ने पत्रिका से खास बात में बताया कि उनकी म्यूजिक कंपनी एएसआर म्यूजिक रिकॉर्डस ने 17 मार्च को झाबुआ से अपने संगीत सफर की शुरुआत की थी, लॉन्च के समय कंपनी ने स्थानीय कलाकारों को बड़े अवसर देने का वादा किया था , घुगरा गाने से वो अपना वादा पूरा करने जा रहे है। अजीत का कहना है कि वे झाबुआ के लोकसंगीत को विश्व पटल पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी कंपनी में झाबुआ के प्रतिभाशाली गायक कलाकारों को लगातार अवसर दिया जाएगा , कुछ गायक कलाकारों को सुचिबद्ध किया जा चुका है।
नेहा गरवाल ने बताया कि उनके पिता राजीव गरवाल एवं माता कलावती किसान है। संगीत में रूचि होने के कारण यूट्यूब से संगीत सीखा। नेहा फिलहाल झाबुआ पीजी कॉलेज से एमए इंग्लिश लिटरेचर की पढ़ाई कर रही हैं। अपनी आवाज में लोकगीत गाने के लिए उन्होंने एएसआर म्यूजिक रिकार्ड्स कम्पनी के संस्थापक अजीत सिंह राठौर से सम्पर्क किया तो उन्होंने आदिवासी लोकगीत घुगरा को गाने का अवसर दिया। नेहा का कहना है की ख़ुशी है कि झाबुआ के कलाकारों को अपनी कला दिखाने का मौका मिल रहा है।
